Monday, January 30, 2017

आपके जीवन में महान परिवर्तन लायेगा

काम की बातें 


यौवन , बल , सत्ता तथा धन के मद में यह नही भुल जाना चाहिए की ये सभी सदा के लिए नहीं बल्कि क्षणभंगुर है । 

ईर्ष्या के कारण सभी को दुख उठाना पड़ता है । 

छोटे से छोटे जीव के प्रति भी दिखाई गयी अनुकंपा व्यर्थ नहीं जाती । 

खुशामदी लोग अपना मतलब सिद्ध करने  के लिए लोगो को चिकनी -चुपड़ी बातो से मुग्ध कर लेते है । उनकी झूठी प्रशंसा पर बिस्वास कर लेने से काफी हानि उठानी पड़ती है । 

लोगो को उपदेश नहीं सहायता की जरुरत  पड़ती है । 

कायर लोग बहुधा अपने साहस का दिखावा करते रहते है , पर मौके पर उन्हें पीठ दिखाते देर नहीं लगती । 

स्थान , काल व पात्र देखकर ही उपदेश देना उचित है । 

कोई भी कार्य आरंभ करने से पहले अपनी सामर्थ देख लेनी चाहिए । 

धीमी गति से भी , परंतु दृढ़तापूर्वक चलनेवाला अंत में सफलता हासिल करता है । 

मनुष्य  को अपनी दुरावस्था के समय निराश नहीं  होना चाहिए ।   हम चाहे जितनी भी कठिनाई में क्यों न हो , ऐसे अनेक लोग मिल जायेंगे , जिनकी अवस्था हमसे भी ख़राब होगी । बल्कि उनके प्रति संवेदना का भाव रखने से अपने कष्टों तथा कठिनाईयो की बात भी विस्मृत हो जाती है । 

संगठन में ही बल है । घास के छोटे छोटे टुकड़ो से बने हुए रस्से के द्वारा मतवाला हाथी भी बाँधा जा सकता है । 

मनुष्य को अपनी क्षमता के अनुरूप ही आकांक्षा रखनी चाहिए , अन्यथा बहुत दुख उठाना पड़ सकता है । 

अपने सामर्थ्य को जाने बिना दुसरो की नक़ल करना मुर्खता का चिन्ह है |

शत्रु की बातो में आकर अपने हितैषी मित्र को त्याग देने से निश्चित रूप से संकट आता है |

पराधीन होकर राजसुख भोगने की अपेक्षा , स्वाधीन रहकर भूख का कष्ट' उठाना हजारो गुना अच्छा है|

सर्वदा झूठ बोलने वालो के सत्य पर भी कोई विश्वास नहीं करता |

बाहुबल से जो कार्य नहीं होता , उसे बुद्धिबल से सम्पन्न किया जा सकता है|

बिना सोचे दुसरो की नक़ल करनेवाले की दुर्गति होती है | 

मनुष्य को सोच विचार कर अपनी कर्तव्य निर्धरित करके उसी के अनुसार दृढ़तापूर्वक चलना चाहिए |

भूखे व्यक्ति के लिए अन्न ही सबसे बड़ा रत्न है |

प्राय: देखने में आता है की कम कष्ठ करने वाला ज्यादा चिल्लाते है |

मनुष्य यदि दुसरो की नक़ल का प्रयास छोड़कर , अपने गुण अवगुण जानकार अपनी अवस्था से संतुष्ट रहे तो उसे दुःख नहीं उठाना पड़ता  है |

दुष्टो के साथ  ज्यादा मेल जोल अच्छा नहीं |

जगत में मनुष्य जो कुछ दुःख पाता है उनमे अधिकांश ही कामिनी कंचन की आसक्ति से आता है |

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